बेपनाह खूबसूरती की मिसाल मधुबाला...

बेपनाह खूबसूरती की मिसाल मधुबाला...

शोहरत और बुलंदी-:
साल 1950 से 1957 तक का वक्त मधुबाला के सिने करियर के लिए बुरा साबित हुआ। इस दौरान उनकी कई फिल्में असफल रही। लेकिन साल 1958 में फागुन, हावडा ब्रिज, काजा पानी तथा चलती का नाम गाडी जैसी फिल्मों की सफलता के बाद मधुबाला एक बार फिर से शोहरत की बुंलदियों तक जा पहुंची। फिल्म हावडा ब्रिज में मधुबाला ने क्लब डांसर की भूमिका अदा करके दर्शकों का मन मोह लिया। इसके साथ ही वर्ष 1958 में ही प्रदर्शित फिल्म चलती का नाम गाडी में उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों को हंसाते हंसाते लोटपोट कर दिया।

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