ना आये सोलह श्रृंगार में कमी, इसे पढें
मंगलसूत्र की सार्थकता
क्या
आप जानती हैं कि विवाह सम्बन्धित कई धार्मिक कृत्य उर्वरता से सम्बन्धित
हैं। महाराष्ट्र, कर्नाटक व आंध्र प्रदेश में पहने जानेवाले मंगलसूत्र में
एक बॉल के दो हिस्से होते हैं, जो उर्वरता व मातृत्व को सार्थक करते हैं।
ये दोनों बॉल्स मंगलसूत्र के गोल काले चेरयू के बीड्स में पिरोए जाते हैं।
इसे गले में पहनते हैं, जिससे बुरी नजर से भी बचा जा सके। लक्षणों के स्तर
पर देखें, तो यह भारतीय पौराणिक अद्र्धनारीश्वर की संकल्पना से भी मेलखाता
है, जिसमें आधा पुरूष व आधी स्त्री मिल कर अद्र्धनारीश्वर बनता है और दोनों
ही एक दूसरे के बिना अधूरे हैं।