ये टिप्स याद रखें,श्वास रागों से बचें

ये टिप्स याद रखें,श्वास रागों से बचें

सांस लेना जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है जिसमें श्वसन तंत्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। श्वसन मार्ग को प्रभावित करने वाले रोग भी काफी आम हैं, विशेष रूप से ये नम, ठंडे और तेजी से बदलते हुए जलवायु में देखे जाते हैं। श्वसन मार्ग में नाक से फेफडों तक वायु नालिकाओं का सघन संजाल होता है जो अंत में फेफडों के छोटे वायुकोषों में समाप्त होता है। वायु नलिकाओं की शाखाओं का संजाल प्रवाह के लिए संवेदनशील होता है क्योंकि इसका विस्तृत सतही क्षेत्र निरंतर प्रदूषित हवा के संपर्क में आता रहता है जिसे हम सांस के साथ अंदर लेते हैं। एक स्वस्थ श्वसन प्रणाली के लिए आहार मूलभूत आवश्यकताओं में एक है। आहार लंबे समय तक बीमारी की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अत: सर्दी व खांसी, टॉन्सिलाइटिस, एडेनोइडाइटिस, रानाइटिस, साइनससाइटिस जैसे बार-बार होने वाले श्वसन विकार तथा सांस लेने में गंभीर कठिनाई से पीडित व्यक्तियों को एक विवेकपूर्ण संतुलित आहार का पालन अवश्य करना चाहिए। आहार एलर्जी का कारण नहीं होता है,परंतु उनके लक्षणों को बिगाड सकता है।
श्वसन एलर्जी पर ये परहेज करें
र-बार खांसी, जुकाम और टॉन्सिलाइटिस से पीडितों को इन चीजों से परहेज करना चाहिए- ठंडे और एयरेटेड पेय-कोक, फेन्टा, फ्रूटी, लिमका, माजा, पेप्सी आदि। फलों के रस, खासकर सिट्रिक फलों जैसे - संतरा और मौसमी का रस। ठंडा पानी, आईसक्रीम, दही, लस्सी। (सामान्य तापमान पर ताजा मीठा दही लिया जा सकता है) फल अंगूर, नींबू, आम, संतरा,अनन्नास, अनार, तरबूज खट्टा भोजन अचार, रसम, सॉस/केचअप, साम्भर, टमाटर का सूप, सिरका, गोल गप्पे, इमली
सांस लेने में कठिनाई
निम्नलिखित का उपयोग न करें, इससे स्थिति और खराब हो जाती है।
फल
केला, अमरूद तेल युक्त और भारी भोजन बर्गर, चिप्स/वैफर्स, छोले-भटूरे, चॉकलेट, सूखे मेवे, तले हुए खाद्य, हलवा, खीर, मिल्क शेक, ऑमलेट, पकौडा, पराठा, पेस्ट्री, पिज्जा, पूरी, सामोसा, मिठाई,बडा। स्टार्च (वाई बादी) युक्त भोजन कढी, नूडल्स, चावल, स्वीट कार्न सूप, उडद दाल। (वे लोग चावल खा सकते हैं जिनका मुख्य भोजन चावल है)
सब्जियां
बीन्स, अरबी, खीरा, भिंडी, आलू, शकरकंद, कच्चा टमाटर, मूली। नोट : ठंडी हवा, धूल, वर्षा और धुएं से बचें।