बॉडी के साथ घडी की सूइयों का रिश्ता

बॉडी के साथ घडी की सूइयों का रिश्ता

अस्थमा रात को सताएं
अस्थमा के रोगियों को अकसर करके रात के समय सांस लेने में अधिक तकलीफ होती है इसकी सबसे बडी वजह यह है कि इस समय हवा में ऑक्सीजन की मात्रा दिन की तुलना में रात को थोडी कम होती हैं और एलर्जी पैदा करने वाले वायरस भी वायुमंडल में ज्यादा सक्रिय होते हैं। इस अवस्था में डॉक्टर कहते है कि रात के समय जब हम लेटते है तो इससे हमारे फेफडों की कार्यक्षमता भी दिन की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत कम हो जाती है इससे हमारे श्वसन तंत्र में बाधा पहुंचती है। इन्हीं कारणों से रात के समय अस्थमा की समस्या बढ जाती है।

इलाज
अस्थमा को रोगियों को दोपहर के समय ही इनहेलर के जरिये स्टीरॉयड दवा ले लेनी चाहिए। ताकि पूरा रात इन्हें तकलीफ न हो और रात को जगाना न पडे बल्कि यह आराम से साऎ। दोपहर को 3 बजे दी गई अस्थमा की दवा पूरी रात इन्फेक्षन से लडने में सहायक होती है। इसके साथ ही इस बात को ध्यान रखें कि आपका तकिया हमेशा सही ऊंचाई पर हो, जिससे सांस लेने में दिक्कत न हो। डिनर कम से कम साने से दो घंटें पहले लें और बेड पर जाते समय दोबारा इनहेलर के जरिये अपनी दवा जरूर लें।