धन्यवाद कहने के लाभ ही लाभ
वो जमाने लद गये। जब लोगों को जोर-जर्बदस्ती से काम करवा लिया जाता था। आजकल बडे शहरों में एकल पारिवारिक व्यवस्था में कामकाजी महिलाओं की लाइफ, इनके बिना नहीं चल सकती। धार्मिक, सामाजिक अनुष्ठान हो या घर में मित्रों, परिवारीजनों का जमावडा लगा हो, घरेलू हैल्पर की मदद ली जाती है, इसलिए उन्हें एहसास कराना निहायत जरूरी होता है कि उस समय उनका साथ आपको किस हद तक परेशानी से बचा गया। कुछ लोगों को अपने कहते सुना होगा, काम करते हैं तो उन्हें पैसा भी तो देते हैं। तारीपफ करके उन्हें सिर पर थोडे ही बिठाना है।