शादी न करने के पीछे का डर
अपने जैसी सोच वाले या अपने बराबर होशियर लडका-लडकी न मिलने का डर यह भी लगता है कि कहीं गलती न हो जाए। सही व्यक्ति चुनने में वह हमारे जैसा सोचता है या नहीं,
हमारी तरह होशियार है यानी नहीं, प्रोफैशन क्या है। कैरियर में आगे बढने की इच्छा और काबिलीयत है या नहीं। यानी पहले की तरह अब हम सिर्फ एक घरेलू सीधीसादी लडकी या फिर एक बढिया संस्कारी लडका नहीं ढूंढ रहे होते, बल्कि एक पूरा पैकेज चाहिए और यह पैकेज जिसके पास है, वह खास हो जाता है।