प्रसव के पहले और बाद

प्रसव के पहले और बाद

प्रसव के बाद सावधानी डाक्टर  का कहना है कि कई बार ठीकठाक प्रसव होने के बाद भी कुछ परेशानियां हो जाती हैं। प्रसव के बाद औरत को सामान्य होने में कुछ समय लग जाता है। इसमें सबसे बडी समस्या योनि से खून का बहना होता है। आमतौर पर यह सामान्य बात होती है। कभी-कभी इसमें किसी बीमारी के लक्षण भी छिपे होते हैं। इसलिए प्रसव के बाद भी अगर कोई इस तरह की परेशानी आए तो उसको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। शिशु का जन्म आपरेशन से हो या फिर सामान्य रूप से, शरीर प्रसव के बाद अनावश्यक म्यूकस, प्लेसेंटल टिशूज और खून को बाहर कर देता है। यह प्रसव के 2 से 3 सप्ताह तक चलता है। कभी-कभी 6 सप्ताह तक भी चलता है। इसकी परेशानी को कम करने के लिए ज्यादा आराम करें। खडे रहने और चलने से परहेज कर खून को सोखने के लिए पैड्स का प्रयोग करें। यह अपने आप ठीक हो जाता है। अगर खून का बहना काफी मात्रा में हो, बुखार हो और ठंड लगे, डिस्चार्ज में कोई गंध हो तो डाक्टर से संपर्क करें। पोस्टपार्टम हेमरेज प्रसव के बाद की गंभीर किस्म की बीमारी होती है, जिसमें सामान्य से अधिक खून बह जाता है। इसका कारण प्लेसेंटा का पूरी तरह से बाहर न निकलना, प्लेसेंटा का जबरन बाहर खींचा जाना, प्रसव के दौरान गर्भाशय, सर्विक्स या योनि पर चोट लगने से ऎसा होता है। हमारे देश में प्रसव के चलते होने वाली मौतों में 10 प्रतिशत इस कारण से ही होती है।