...तो शुरू होता है बुरा समय, ये होते हैं कारण!
जब किसी का समय खराब चल रहा होता है तो उसके साथ सब बुरा ही होता है। यह वाकय कहते हुए कई लोगों द्वारा आपने सुना होगा। हमेशा अच्छा-अच्छा सोचने के चलते हमारे मस्तिष्क को अच्छा सोचने का रोग लग जाता है। अच्छा समय सबको अच्छा लगता है, बुरे समय से सब डरते हैं।
इसे लॉं ऑफ नेचर कहें या जीवन की विडंम्बना कि सबके जीवन में अनेक बार बुरा समय आता ही है। जब सब कुछ विपरीत होने लगता है, शांति नहीं मिलती। बुरा दिन किसी विशेष व्यक्ति को चुनकर उसके पास नहीं आता। यह किसी के साथ भी हो सकता है। मेरे या आपके साथ भी। बुरा समय वह नहीं जो एक ब़डे स्तर पर आपकी जि़ंदगी बदलकर रख दे परंतु बुरा समय वह है जो आपको धीरे-धीरे उदास करता जाए।
जिनका बुरा समय चल रहा होता है वह तो किसी की सलाह सुनने को भी राजी नहीं होते। जो कोई भी उन्हें राय देता है वह उसी पर ही अपने गुस्से का बाण छोड देते हैं। जब बुरा समय होता है तो अच्छी सलाह भी वैसे ही असर नहीं करती जैसे मृत्यु के वश में रोगी को दवा नहीं लगती। बुरा समय बिन बुलाए मेहमान की तरह आता है अपनी मर्जी से जिसके जाने का कोई समय तय नहीं होता परंतु किसी का बुरा समय कब आएगा इसका जवाब ज्योतिष के पास होता है। भारतीय ज्योतिष के सामुद्रिक शास्त्र अनुसार अच्छे या बुरे दिन शुरू होने से पूर्व हर व्यक्ति को उसके संकेत मिलने लग जाते हैं। अगर अच्छे दिन आने वाले हैं तो अच्छे संकेत मिलते हैं। वहीं अगर बुरे दिन आने वाले होते हैं तो उससे पहले अशुभ संकेत मिलते हैं।
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