कला डर के हाथों मजबूर है : दीया मिर्जा
मुंबई। वेब सीरीज ‘काफिर’ में पाकिस्तानी महिला की भूमिका निभा रहीं अभिनेत्री दीया मिर्जा का मानना है कि डर का कला पर बुरा असर पड़ता है। यहां दीया से शो के लॉन्च पर, फरवरी में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में मारे गए 40 जवानों की घटना के बाद ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन (एआईसीडब्ल्यूए) द्वारा भारत में काम करने से प्रतिबंधित पाकिस्तानी कलाकारों के बारे में उनकी राय पूछी गई।
इस पर उन्होंने कहा, ‘‘कला हमेशा से डर के हाथों मजबूर रही है...लेकिन इसी डर की वजह से कला के क्षेत्र में एकजुटता भी आई है। मेरा मानना है कि ये पूर्वाग्रह जो हम पर थोपे गए हैं, न कि हमें अपने पड़ोसियों से दूर ले जाते हैं, बल्कि यह हमें खुद से भी दूर ले जाते हैं और जब हम खुद को संवाद और आदान-प्रदान करने के अवसर से वंचित करते हैं... तब हम केवल दुनिया को ये व्यक्त करते हैं कि हम कितने डरे हुए हैं।’’
सोनम नायर द्वारा निर्देशित इस वेब सीरीज की कहानी भवानी अय्यर ने लिखी है। ‘काफिर’ की कहानी कश्मीर पर आधारित है, जो एक पाकिस्तानी महिला कैदी और उसके बच्चे के ईर्द गिर्द घूमती है। कैदी महिला को किस तरह एक पत्रकार न्याय दिलाता है यही वेब सीरीज की कहानी है। इसमें दीया मिर्जा कैदी कायनाज अख्तर के किरदार में है।
‘‘काफिर’ का प्रसारण 15 जून से ओटीटी प्लेटफार्म जी5 पर होगा।
(आईएएनएस)
#जानें 10 टिप्स: पुरूषों में क्या पसंद करती हैं लडकियां