युवावस्था में मातृत्व में मदद देंगे विशेषज्ञों के ये सुझाव
स्वयं पर विश्वास रखें
युवावस्था में जल्द मां बनने के कारण आपको बच्चे
की परवरिश के लिए कई लोगों से अलग-अलग तरीके के सुझाव मिलते हैं। इन सभी से
परेशान न हों और शांत रहकर उन सभी सुझावों पर विचार करें, जो आपको मिल रहे
हैं। हालांकि, आपके बच्चे के लिए सबसे अच्छी चीज का चुनाव आप अपने सहज
ज्ञान से कर सकती हैं।
बेबी डव की ओर से किए गए एक सर्वेक्षण ‘रियल
मदर्स हर्ड’ से यह सामने आया है कि 70 प्रतिशत भारतीय महिलाएं मातृत्व पर
मिलने वाले सुझावों से दुविधा में पड़ जाती हैं और इस कारण वह स्वयं के
चुनाव पर भी आशंकित रहती हैं। इसलिए, जरूरी है कि एक मां अपने सहज ज्ञान पर
भरोसा रखे और पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने बच्चे की परवरिश को लेकर फैसला
ले।
अपने काम पर वापसी का फैसला
कुछ महिलाओं के लिए अपने बच्चे
के जन्म के लिए ली गई छुट्टियों के बाद काम पर वापस जाने का फैसला लेना
मुश्किल होता है। इस सर्वेक्षण में यह भी सामने आया है कि 68 प्रतिशत
भारतीय महिलाएं अपने काम पर वापस जाने से स्वयं को दोषी मानती हैं।
अपने
काम पर वापस जाना एक बड़ा फैसला है और इसे हर मां को अपने घर की स्थिति को
ध्यान में रखकर स्वयं ही करना होता है। अगर आप अपने मातृत्व और काम के बीच
संतुलन बनाए रखने को लेकर आश्वस्त हैं, तो आप काम पर वापसी कर सकती हैं।