बदले की भावना को दूर करने के 5 टिप्स
ऎसे मामलों में सब कुछ छोड कर आगे बढना अच्छा है। ऎसा नहीं है कि धोखा देने वाले ने अकेले सब कर लिया। इसमें कहीं ना कहीं धोखा खाने वाले की भी गलती होती है। किसी ना किसी वाकये में उसे जरूर पता चला होगा कि सामने वाला उसके लिए वफादार नहीं है। जानने के बाद भी यदि उसने नजरअंदाज किया तो इसमें उसकी भी उतनी ही गलती है जितनी दूसरे की। इसके अलावा जिन्दगी में हर चीज जिसे आप चाहें, आपको मिल नहीं सकती । यहां दूसरों की भावनाओं का सम्मान करने की भी जरूरत है। उसे यह समझने की जरूरत है कि शायद दूसरा उसे उस हद तक प्यार नहीं करता कि जिन्दगी बढाने के बारे में सोचे। इसलिए आगे बढना उचित है। बदले की भावना के साथ व्यक्ति में नकारात्मकता आने लगती है। अगर यह हद से ज्यादा बढ जाए तो वह डिप्रेशन का शिकार भी हो सकता है। आपका मन किसी काम में नहीं लगता और आप नकारात्मक ऊर्जा का संचार रकते हैं।