बदले की भावना को दूर करने के 5 टिप्स
बदले की भावना एकदम आम बात है, लेकिन बदला लेना बेहद नकारात्मक। यह भाव इस हद तक नकारात्मक है कि डिप्रेशन तक हो सकता है। विशषज्ञ जिन्दगी की ऎसी बातों को भूल जाने को कहते हैं जो बदला लेने के लिए उकसाती हैं। क्योंकि इससे सबसे ज्यादा नुकसान अपना ही होता है। बचपन में नैतिक शिक्षा के पाठाकों में यह बात हम सभी का खूब सिखाई गई है, लेकिन जहां तक बात प्रैक्टिकल लाइफ की है, शायद ही कोई इस भाव से बच सके। एक शोध की माने तो इंसान को दूसरों के बुरे बर्ताव के लिए उन्हें सजा देकर खुशी मिलती है। इस खुशी की संभावना के बारे में सोचते ही हम बदला लेने के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं।