आचार्य चाणक्य बताते हैं बुरे व्यक्तियों की पहचान, दूर रहना है बेहतर

आचार्य चाणक्य बताते हैं बुरे व्यक्तियों की पहचान, दूर रहना है बेहतर

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में बुरे व्यक्तियों का भी जिक्र किया है, जिनके साथ संबंध रखने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा है कि जो व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए दूसरों का नुकसान करते हैं, जो झूठ बोलते हैं, जो दूसरों की निंदा करते हैं, जो अपने शब्दों पर नहीं टिकते, जो दूसरों का धन हड़पते हैं, और जो अपने कर्तव्यों से भाग जाते हैं, ऐसे व्यक्तियों से दूर रहना चाहिए। चाणक्य ने कहा है कि ऐसे व्यक्तियों की संगति से हमारी प्रतिष्ठा और चरित्र दोनों खराब हो सकते हैं। इसलिए, हमें ऐसे व्यक्तियों से सावधान रहना चाहिए और उनके साथ संबंध रखने से बचना चाहिए।

स्वार्थ

स्वार्थ एक ऐसा गुण है जो व्यक्ति को केवल अपने फायदे के बारे में सोचने पर मजबूर करता है। ऐसे व्यक्ति दूसरों की भावनाओं और जरूरतों को नजरअंदाज कर देते हैं और केवल अपने लक्ष्यों की प्राप्ति पर ध्यान केंद्रित रखते हैं।

झूठ बोला
झूठबोला एक ऐसा गुण है जो व्यक्ति की विश्वसनीयता को कम करता है। ऐसे व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए सच्चाई को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करते हैं और दूसरों को गुमराह करते हैं।

निंदकता
निंदकता एक ऐसा गुण है जो व्यक्ति को दूसरों की कमियों को ढूंढने और उनकी आलोचना करने पर मजबूर करता है। ऐसे व्यक्ति दूसरों की प्रतिष्ठा को कम करने का प्रयास करते हैं और उनकी प्रगति को रोकने का प्रयास करते हैं।

विश्वासघात
विश्वासघात एक ऐसा गुण है जो व्यक्ति की विश्वसनीयता को कम करता है। ऐसे व्यक्ति अपने वादों को पूरा नहीं करते और दूसरों को निराश करते हैं।

लालच
लालच एक ऐसा गुण है जो व्यक्ति को दूसरों की संपत्ति को हड़पने के लिए प्रेरित करता है। ऐसे व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए दूसरों का नुकसान करते हैं और उनकी संपत्ति को हड़पते हैं।

कृतघ्नता
कृतघ्नता एक ऐसा गुण है जो व्यक्ति को अपने कर्तव्यों से भागने के लिए प्रेरित करता है। ऐसे व्यक्ति अपने कर्तव्यों को पूरा नहीं करते और दूसरों पर निर्भर रहते हैं।

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