शास्त्रोंनुसार दो विशिष्ट संदभोंя┐╜ संदर्भाें में "करवा चौथ"
फर्क सिर्फ इतना ही है कि सौभाग्यवती महिलाएं चंद्रदर्शन के पश्चात व्रत तोडती हैं और कन्याएं आसमान में पहले तारे के दर्शन के बाद व्रत समाप्त करती हैं। संभव है कि लोकोक्ति पहला तारा मैंने देखा, मेरी मर्जी पूरी इस व्रत के कारण ही शुरू हुई हो।