60 के बाद हेल्थ के साथ

60 के बाद हेल्थ के साथ

बढती एज में हेल्थ की देखभाल करने के लिए डॉक्टरी परामर्श बेहद जरूरी होती है। इस उम्र में खुद को बेकार ना समझें और हेल्थ इज वेल्थ का फॉमूला अपनाएं रखें।

बढती एज का सबसे पहला असर आंखों पर पडता है। इसलिए साल में एक बार आंखों की पूरी जांच जरूर कराएं। क्योंकि इस उम्र में मोतियाबिंद होने के ज्यादा आसार हो जाते हैं। खानपना की चीजों में विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम युक्त खाना लेना चाहिए मतलब सम्पूर्ण संतुलित आहार। सिसे आंखों की मांस-पेशियां मजबूत बनी रहे और रोशनी कम ना हो।

दांतों की नियमित देखरेख के साथ सप्ताह में एक बार खुद जांच करें और किसी प्रकार की परेशानी होने पर चिकित्सक को अवश्य दिखाएं।

क्योंकि इस एज में दांतों की परेशानी होना, जैसे दांतों में सडन, दर्द, मसूडों में सूजन एक आम परेशानी होती है। इसलिए हर छह महीने में दांतों का चेकअप अवश्य कराएं।

महिलाओं को बढती उम्र अपने बदलते रूप रेखा पर खासतौर पर ध्यान देना चाहिए। 60-65 साल की महिलाओं को तीन या उससे ज्यादा नार्मल पैप टेस्ट कराने चाहिए। इस उम्र की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होने के आसार भी ज्यादा होते हैं इसलिए रूटीन चेकअप से वह खुद को इन परेशानियों से दूर रख सकती हैं।

महिलाओं को बोन डेनसिटि टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। महिलाओं की हड्डयां कमजोर हो जाती है जिससे उनके टूटने का डर बना रहता है। इसलिए फिजिशियन से पूछकर ठीक एक्सेरसाइज और खाने में कैल्शियम युक्त आहार जरूर लेना चाहिए। जोडों में दर्द की एक्सेरसाइज को नियमित रूप से करना चाहिए साथ ही नियमित रूप से चेकअप भी कराना चाहिए।