शादी के बाद इन 10 बातों का रखें खास ध्यान
विवाह दो लोगों का एकदूसरे पर पूर्ण समर्पण है, इसलिए उस का उद्देश्य आपसी सुधार के लिए गुंजाइश पैदा करना भी होना चाहिए, संबंध पर जितना अधिक विश्वास होगा, उतना ही उस के भीतर रहते हुए व्यक्ति अपने को बदलने की आजादी महसूस करेगा। जिन्दगी बदलती है और उसी के साथ हमारे रिश्ते भी बदलते हैं। वक्त के थपेडों के साथ अनुभव की सिलवटें जब चेहरे पर साफ झलकने लगती हैं, तब बीते लम्हे यादों के कारवां में चले आते हैं और हमें यह एहसास दिलाते हैं कि हमने क्या खोया, क्या पाया। उस समय हमें खुद से नजरें ना चुरानी पडें, अपने रिश्तों को बोझ में तब्दील करने के इल्जाम ना सहने पडें, इसके लिए बेहद जरूरी है कि हम सही समय पर सही तरीके से अपने रिश्तों की सर्विसिंग करते रहें, ताकि हम अपने रिश्तों को ताउम्र सहेजकर रख सकें।