चिकित्सकों की सुरक्षा संबंधित पीआईएल पर तत्काल सुनवाई से इनकार

चिकित्सकों की सुरक्षा संबंधित पीआईएल पर तत्काल सुनवाई से इनकार

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को चिकित्सकों की सुरक्षा की मांग वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। अदालत ने ऐसा पश्चिम बंगाल व दूसरे राज्यों में चिकित्सकों के हड़ताल के वापस लेने के मद्देनजर किया।

न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता व सूर्यकांत की अवकाश पीठ ने कहा कि अब मामले की तत्काल सुनवाई की जरूरत नहीं है और इसे ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद उचित पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना चाहिए।

याचिकाकर्ता आलोक श्रीवास्तव ने इस बात पर जोर दिया कि मामले पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने दलील दी कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा और सुरक्षा को लेकर प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

अदालत ने कहा, ‘‘हम चिकित्सकों की सुरक्षा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम इस पर अभी आदेश पारित नहीं कर सकते।’’

श्रीवास्तव ने मामले पर तत्काल सुनवाई पर जोर दिया और अदालत से नोटिस जारी करने का आग्रह किया।

हालांकि, अदालत ने मामले पर विचार करने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि वह हालात को समझे बिना आदेश नहीं पारित कर सकती।

अदालत ने कहा, ‘‘हम सिर्फ वहीं आदेश पारित करते हैं, जिसे लागू किया जा सकता है।’’

14 जून को केंद्र व पश्चिम बंगाल सरकार को चिकित्सकों को उनकी ड्यूटी के लिए सुरक्षित माहौल प्रदान करने के निर्देश की मांग करते हुए एक पीआईएल दाखिल की गई थी।

कोलकाता के एनआरएस अस्पताल के एक जूनियर चिकित्सक पर 10 जून को मरीज के परिजनों ने हमला कर दिया था। यह हमला मरीज की मौत के बाद किया गया। मरीज के परिजनों ने चिकित्सकों पर कथित तौर  पर चिकित्सा में लापरवाही का आरोप लगाया था।

इसे लेकर 14 जून को देश भर में कई सारे चिकित्सकों ने कार्य का बहिष्कार किया था। ऐसा पश्चिम बंगाल के समकक्षों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए किया गया था।

(आईएएनएस)

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